बिजली ने छीना सुकून, बिन पानी लागे सब सून
मालपुरा, 2 जून : कहने को मालपुरा को भले ही राज्य सरकार में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के विधानसभा क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, लेकिन यहां के निवासी एक ओर जहां इस भीषण के गर्मी के मौसम में पीने के पानी की हर तीसरे दिन बाठ जोहते हैं, वहीं बिजली भी यहां के निवासियों के पसीने छुड़ा रही है। यहां पानी और बिजली की सप्लाई का आलम खस्ताहाल हैं, जिसे लेकर आमजन खासा त्रस्त नजर आ रहा है। जलदाय मंत्री के हलके में एक ओर जहां पेयजल की किल्लत को लेकर लोगों के हलक सूख रहे हैं, वहीं दिन में कई मर्तबा हो रही अघोषित बिजली कटौती और कम वोल्टेज की बिजली सप्लाई के चलते गर्मी से जूझ रहा जनमानस पसीने पसीने हो रहा है।
भीषण गर्मी और हीटवैव से होने वाली मौतों के मामले में संज्ञान लेकर हुए भले ही राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को पर्याप्त इंतजाम के लिए निर्देशित किया है, लेकिन राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री का जिम्मा संभाल रहे जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के विधानसभा क्षेत्र मालपुरा में बिजली आपूर्ति को लेकर हर खासोआम बेहाल है। स्थानीय बिजली विभाग द्वारा रखरखाव एवं उच्च क्षमता वाला ट्रांसफार्मर लगाए जाने के नाम पर यहां पिछले कई दिनों से दिनभर और रात में भी कई मर्तबा बिजली की आंखमिचौली चल रही है। जबकि विभाग द्वारा 6 मई को जारी विज्ञप्ति में 7 मई से 30 मई तक शटडाउन प्रस्तावित बताया गया था। इस अवधि के दौरान 132 केवी जीएसएस टोडारायसिंह से वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था की गई थी। ऐसे में टोडारायसिंह जीएसएस से की जा रही विद्युत सप्लाई के कारण क्षेत्र में ना तो उचित वोल्टेज आ रहे हैं और ना ही निर्बाध रूप से आपूर्ति हो पा रही है।
नाकारा साबित हो रहे एसी-कूलर :
भीषण गर्मी से झुलस रहे जनमानस को एक ओर जहां बिजली कटौती के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं क्षेत्र में हो रही कम वोल्टेज की विद्युत सप्लाई के कारण गर्मी से निजात पाने के लिए लोगों के घरों में लगे एसी-कूलर भी नाकारा साबित हो रहे हैं। कम वोल्टेज के कारण जहां लोगों के एसी काम नहीं कर रहे हैं, वहीं कूलर और उसमें लगा पानी का पंप भी लोड नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में पहले से भीषण गर्मी से जूझ रहे आमजन को बिजली भी अपना रंग दिखा रही है और लोगों के पसीने छुड़ा रही है।
रिवाज बन गई रोजाना सुबह 2 घंटे की कटौती :
दिनभर बिजली की आंखमिचौली का आलम तो तब है, जबकि यहां बरसों से रोजाना सुबह 2 घंटे की बिजली कटौती नियमित रूप से होती आ रही है। चाहे कोई भी मौसम हो, यहां हर रोज सुबह 2 घंटे की बिजली कटौती में किसी तरह की कोई चूक नहीं होती है। हालांकि कथित तौर पर यह कटौती पेयजल सप्लाई के दौरान जल दोहन को रोकने के उपाय के रूप में की जाती है, लेकिन रखरखाव के नाम पर दिन में बार बार कटौती कर किए जाने वाले कार्य को इस 2 घंटे की अवधि के दौरान कर लिया जाए तो आमजन को कुछ तो राहत मिल सकती है।
नियमित सप्लाई नहीं होने से सूख रहे लोगों के कंठ :
इसी प्रकार से जलदाय विभाग की बात करें तो यहां भी आलम कुछ ऐसा ही दिखाई दे रहा है। खुद जलदाय मंत्री का क्षेत्र होने के बावजूद यहां पेयजल सप्लाई के हालात ये हैं कि उपखंड मुख्यालय पर जहां एक दिन छोड़कर एक दिन सप्लाई की जाती है, वहीं क्षेत्र के कई गांवों में पेयजल की सप्लाई ही नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में भीषण गर्मी में पेयजल का इंतजार भी लोगों के कंठ सुखाने का काम कर रहा है, जिसके चलते पानी की समस्या का सामना कर रहे लोगों ने कई मर्तबा प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल पा रहा है।
इनका कहना है...
"गर्मियों में डिमांड बढ़ने और सिंगल ट्रांसफार्मर के कारण ट्रांसमिशन से ही सप्लाई डाउन आ रही है। हाई वोल्टेज वाले ट्रांसफार्मर का काम लगभग पूरा हो गया है और टेस्टिंग का काम चल रहा है। सभी टेस्ट ओके आते हैं तो आज रात में सप्लाई सुचारू कर देंगे। काम चल रहा है और जल्द से जल्द कम वोल्टेज और कटौती से राहत मिलने की उम्मीद है।
- पंकज शुक्ला
सहायक अभियंता, मालपुरा