उर्स में देहली गेट तक ढोल ताशे के साथ ले जा सकेंगे चादर
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 805वें उर्स के दौरान जायरीन द्वारा चढ़ायी जाने वाली चादर देहलीगेट तक जुलूस एवं ढोल ताशे के साथ जा सकेगी।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि दरगाह पर चढ़ायी जाने वाली चादरे जुलूस, ढोल ताशे और बैंड बाजे के साथ शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दरगाह शरीफ के मुख्य द्वार तक ले लायी जाती है। इस कारण उर्स में आने वाले जायरीन को परेशानी का सामना करना पड़ता है और रास्ता जाम हो जाता है। इसलिए मेला अवधि के दौरान जायरीन द्वारा चढ़ायी जानो वाली चादरे देहली गेट से दरगाह तक जुलूस व ढोल ताशे के साथ नहीं जाएगी।
उर्स झंडे के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त :
ख्वाजा साहब के 805वें सालाना उर्स के शुभारंभ अवसर पर झण्डा चढ़ाने की रस्म के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि दरगाह परिसर में बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म के दौरान दरगाह क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है। उपखण्ड मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मीना दरगाह गेस्ट हाउस, लंगरखाना गली एवं निजाम गेट तथा तहसीलदार प्रदीप चौमाल बुलंद दरवाजा एवं दरगाह शरीफ के लिए मजिस्ट्रेट होंगे।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि दरगाह पर चढ़ायी जाने वाली चादरे जुलूस, ढोल ताशे और बैंड बाजे के साथ शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दरगाह शरीफ के मुख्य द्वार तक ले लायी जाती है। इस कारण उर्स में आने वाले जायरीन को परेशानी का सामना करना पड़ता है और रास्ता जाम हो जाता है। इसलिए मेला अवधि के दौरान जायरीन द्वारा चढ़ायी जानो वाली चादरे देहली गेट से दरगाह तक जुलूस व ढोल ताशे के साथ नहीं जाएगी।
उर्स झंडे के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त :
ख्वाजा साहब के 805वें सालाना उर्स के शुभारंभ अवसर पर झण्डा चढ़ाने की रस्म के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि दरगाह परिसर में बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म के दौरान दरगाह क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है। उपखण्ड मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मीना दरगाह गेस्ट हाउस, लंगरखाना गली एवं निजाम गेट तथा तहसीलदार प्रदीप चौमाल बुलंद दरवाजा एवं दरगाह शरीफ के लिए मजिस्ट्रेट होंगे।
