बिहार के मौजूदा राज्यपाल रामनाथ कोविंद होंगे राष्ट्रपति पद के लिए के एनडीए उम्मीदवार
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय बोर्ड की बैठक में आज बिहार के मौजूदा राज्यपाल और कानपुर के रहने वाले रामनाथ कोविंद को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसका ऐलान किया। इससे पहले पार्टी मुख्यालय में बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव और उम्मीदवार पर लंबी चर्चा हुई।
राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के नाम पर फैसला के लिए बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक में करीब एक घंटे तक मंथन चलता रहा। दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह के अलावा सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, अनंत सिंह और थावर चंद गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
सूत्रों के मुताबिक, 28 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिए नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 24 से 27 जून तक 4 दिन के लिए अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रपति उम्मीदवार का नॉमिनेशन फाइल होगा और उसमें ज्यादा समय बचा नहीं है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 15 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है। 1 जुलाई तक नामांकन वापस लेने की तारीख है। उसके बाद 17 जुलाई को वोटिंग होगी और 20 जुलाई को नतीजे आएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को पदभार संभालेंगे।
रामनाथ कोविंद का परिचय :
रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविंद अनुसचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। कोविंद का संबंद कोरी या कोली जाति से है, जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। इसके साथ ही वे 1998 से लेकर 2002 तक बीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। कोविंद पेशे से एक वकील हैं और वकालत की उपाधि लेने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। इसके बाद 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई।
राजनीतिक परिचय :
कोविंद वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। साल 2000 में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 साल तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
गवर्नर ऑफ बिहार की वेबसाइट के मुताबिक कोविंद दिल्ली हाईकोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे थे. 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे। दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन्होंने 16 साल तक प्रैक्टिस की. 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए थे।
1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए। वह 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे। कोविद कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं, जिनमें आदिवासी, होम अफ़ेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे।
12 साल की सांसदी में कोविंद ने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया। ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी। कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी। इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है।
राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के नाम पर फैसला के लिए बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक में करीब एक घंटे तक मंथन चलता रहा। दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह के अलावा सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, अनंत सिंह और थावर चंद गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
सूत्रों के मुताबिक, 28 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिए नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 24 से 27 जून तक 4 दिन के लिए अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रपति उम्मीदवार का नॉमिनेशन फाइल होगा और उसमें ज्यादा समय बचा नहीं है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 15 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है। 1 जुलाई तक नामांकन वापस लेने की तारीख है। उसके बाद 17 जुलाई को वोटिंग होगी और 20 जुलाई को नतीजे आएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को पदभार संभालेंगे।
रामनाथ कोविंद का परिचय :
रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविंद अनुसचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। कोविंद का संबंद कोरी या कोली जाति से है, जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। इसके साथ ही वे 1998 से लेकर 2002 तक बीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। कोविंद पेशे से एक वकील हैं और वकालत की उपाधि लेने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। इसके बाद 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई।
राजनीतिक परिचय :
कोविंद वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। साल 2000 में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 साल तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
गवर्नर ऑफ बिहार की वेबसाइट के मुताबिक कोविंद दिल्ली हाईकोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे थे. 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे। दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन्होंने 16 साल तक प्रैक्टिस की. 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए थे।
1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए। वह 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे। कोविद कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं, जिनमें आदिवासी, होम अफ़ेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे।
12 साल की सांसदी में कोविंद ने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया। ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी। कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी। इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है।
