सभी पंचायत शिक्षा अधिकारियों को मिलेंगे लैपटाॅप : देवनानी
अजमेर। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों में शैक्षणिक सुधार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। स्कूलों में कामकाज की गति को और बढ़ाने के लिए प्रदेश के करीब 10 हजार पंचायत शिक्षा अधिकारियों को लैपटाॅप दिए जाएंगे ताकि उनका कामकाज और प्रभावी बन सके। सभी ब्लाॅकों में शिक्षा अधिकारियों को 40 हजार रूपए का अतिरिक्त बजट एवं कामकाज में सहयोग के लिए दो पंचायत सहायक भी दिए जांएगे। प्राचार्य अपने आपको स्कूल तक सीमित ना रखकर लीडर की भूमिका निभाएं और अपने विद्यालय को हर क्षेत्रा में आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प होकर कार्य करें।
देवनानी ने आज हटूण्डी में आदर्श विद्यालयों के प्राचार्यों के लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में शिक्षा एक नए मुकाम पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में शिक्षा के सुधारों का असर यह है कि हम मात्रा तीन वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान से पहले 5 स्थानों में पहुंच गए है। शीघ्र ही हम इस क्षेत्र में भी अव्वल होंगे। शिक्षा विभाग की इस ऊंची छलांग में हमारे शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान है। शिक्षक वर्ग ही है जिसने जमीनी स्तर पर कार्य करके राजस्थान में सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों की सोच को ही बदल दिया। आज हमने निजी स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। ज्यादातर क्षेत्रों में सरकारी स्कूल अभिभावकों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के काम को और गति प्रदान करने के लिए पंचायत शिक्षा अधिकारियों को अधिकार सम्पन्न किया गया है। राजस्थान के करीब 10 हजार प्राचार्यों को शीघ्र ही लैपटाॅप दिए जाएंगे ताकि वे अपने काम को त्वरित गति से सम्पन्न कर सके। इसके साथ ही ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों को 40 हजार रूपए का अतिरिक्त बजट एवं 2 पंचायत सहायक भी दिए जाएंगे। शिक्षक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें। समय पर स्कूल पहुंचे, आगामी दिनों में शिक्षकों की उपस्थिति के लिए एप का प्रयोग किया जाएगा।
देवनानी ने कहा कि स्कूल का प्राचार्य अपने विद्यालय का चेहरा होता है। वह केवल स्कूल तक सीमित ना रहे बल्कि वास्तविक रूप से लीडर की भूमिका अदा करें। प्राचार्य स्कूल का शैक्षिक विकास तो करें ही साथ ही अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, भामाशाह एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से सम्पर्क साधकर भौतिक विकास में भी सहायक बने। प्राचार्य स्कूल स्टाॅफ को एक टीम के रूप में साथ लेकर चले और निरंतर विद्यालय प्रगति के लिए संवाद करता रहे। टीम के रूप में कार्य करने से निश्चित रूप से स्कूलों में बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
उन्होंने स्कूल के विकास, शैक्षिक वातावरण, नामांकन वृद्धि, संकायों में शिक्षा नवाचार आदि पर चर्चा करते हुए कहा कि शुरूआती कक्षाओं में नामांकन वृद्धि पर अधिक जोर दिए जाने की आवश्यकता है ताकि स्कूलों और विद्यार्थियों की नींव प्रारम्भ से ही मजबूत हो सके। राजस्थान में सरकारी स्कूलों ने शानदार प्रदर्शन किया है। अब हम मिशन शत-प्रतिशत परिणाम पर ध्यान दें।
देवनानी ने हटूण्डी में ही द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर में शिक्षकों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखकर तमाम फैसले किए है। राजस्थान में एक लाख से अधिक शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है। पहल बार पोस्टिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए काउंसलिंग करवायी जा रही है। इसके अलावा भी शिक्षकों की कई समस्याओं का समाधान किया गया है।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं संभाग के विभिन्न जिलों से आए शिक्षक उपस्थित थे।
देवनानी ने आज हटूण्डी में आदर्श विद्यालयों के प्राचार्यों के लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में शिक्षा एक नए मुकाम पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में शिक्षा के सुधारों का असर यह है कि हम मात्रा तीन वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान से पहले 5 स्थानों में पहुंच गए है। शीघ्र ही हम इस क्षेत्र में भी अव्वल होंगे। शिक्षा विभाग की इस ऊंची छलांग में हमारे शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान है। शिक्षक वर्ग ही है जिसने जमीनी स्तर पर कार्य करके राजस्थान में सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों की सोच को ही बदल दिया। आज हमने निजी स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। ज्यादातर क्षेत्रों में सरकारी स्कूल अभिभावकों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के काम को और गति प्रदान करने के लिए पंचायत शिक्षा अधिकारियों को अधिकार सम्पन्न किया गया है। राजस्थान के करीब 10 हजार प्राचार्यों को शीघ्र ही लैपटाॅप दिए जाएंगे ताकि वे अपने काम को त्वरित गति से सम्पन्न कर सके। इसके साथ ही ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों को 40 हजार रूपए का अतिरिक्त बजट एवं 2 पंचायत सहायक भी दिए जाएंगे। शिक्षक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें। समय पर स्कूल पहुंचे, आगामी दिनों में शिक्षकों की उपस्थिति के लिए एप का प्रयोग किया जाएगा।
देवनानी ने कहा कि स्कूल का प्राचार्य अपने विद्यालय का चेहरा होता है। वह केवल स्कूल तक सीमित ना रहे बल्कि वास्तविक रूप से लीडर की भूमिका अदा करें। प्राचार्य स्कूल का शैक्षिक विकास तो करें ही साथ ही अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, भामाशाह एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से सम्पर्क साधकर भौतिक विकास में भी सहायक बने। प्राचार्य स्कूल स्टाॅफ को एक टीम के रूप में साथ लेकर चले और निरंतर विद्यालय प्रगति के लिए संवाद करता रहे। टीम के रूप में कार्य करने से निश्चित रूप से स्कूलों में बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
उन्होंने स्कूल के विकास, शैक्षिक वातावरण, नामांकन वृद्धि, संकायों में शिक्षा नवाचार आदि पर चर्चा करते हुए कहा कि शुरूआती कक्षाओं में नामांकन वृद्धि पर अधिक जोर दिए जाने की आवश्यकता है ताकि स्कूलों और विद्यार्थियों की नींव प्रारम्भ से ही मजबूत हो सके। राजस्थान में सरकारी स्कूलों ने शानदार प्रदर्शन किया है। अब हम मिशन शत-प्रतिशत परिणाम पर ध्यान दें।
देवनानी ने हटूण्डी में ही द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर में शिक्षकों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखकर तमाम फैसले किए है। राजस्थान में एक लाख से अधिक शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है। पहल बार पोस्टिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए काउंसलिंग करवायी जा रही है। इसके अलावा भी शिक्षकों की कई समस्याओं का समाधान किया गया है।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं संभाग के विभिन्न जिलों से आए शिक्षक उपस्थित थे।
