राज्य स्तरीय जैव विविधता एवं पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी, 20 संभागियों ने लिया भाग
अजमेर । पर्यावरण संरक्षण मात्र सरकार का दायित्व नहीं है वरण यह आमजन की जिम्मेदारी भी है। यह विचार सम्राट पृथ्वीराज चैहान महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग की व्याख्याता डाॅ. भारती प्रकाश ने सोमवार को झालावाड़ में जिला प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय जैव विविधता एवं पर्यावरण संगोष्ठी में व्यक्त किए।
दो दिवसीय इस संगोष्ठी में अजमेर जिले के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के 20 संभागियों ने भाग लिया। डाॅ. भारती प्रकाश ने कहा कि पर्यावरण व जैव विविधता का सम्मान व्यक्तिगत व सामूहिक दोनों स्तर पर किया जाना चाहिए। जिससे किसी एक पक्ष के शिथिल होने पर दूसरे पक्ष की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े। उन्होंने वृक्षारोपण के समानान्तर वृक्ष संरक्षण कार्यक्रम को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने पर जोर दिया।
इस मौके पर व्याख्याता डाॅ. रीना व्यास ने खाद्य पदार्थों को कृत्रिम रूप से पचाए जाने व उनसे होने वाले घातक प्रभावों पर प्रकाश डाला जबकि व्याख्याता उमेश दत्त ने अजमेर क्षेत्र में पक्षियों से संबंधित जैव विविधता की दृष्टि से आनासागर झील को एक समृद्ध झील बताया और इसे ईको ट्यूरिज्म की दृष्टि से विकसित किए जाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
संगोष्ठी में प्राणीशास्त्र के शोधार्थी दीपिका सिंह, सुश्री रश्मि शर्मा एवं सेवाराम देवासी ने भी अपने विभिन्न पत्रा प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में आयोजित चित्रा प्रदर्शनी में राजकीय महाविद्यालय ब्यावर के व्याख्याता विकास सक्सेना तथा अजमेर के डाॅ. विवेक शर्मा ने भी अपने चित्रों को प्रदर्शित किया।
दो दिवसीय इस संगोष्ठी में अजमेर जिले के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के 20 संभागियों ने भाग लिया। डाॅ. भारती प्रकाश ने कहा कि पर्यावरण व जैव विविधता का सम्मान व्यक्तिगत व सामूहिक दोनों स्तर पर किया जाना चाहिए। जिससे किसी एक पक्ष के शिथिल होने पर दूसरे पक्ष की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े। उन्होंने वृक्षारोपण के समानान्तर वृक्ष संरक्षण कार्यक्रम को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने पर जोर दिया।
इस मौके पर व्याख्याता डाॅ. रीना व्यास ने खाद्य पदार्थों को कृत्रिम रूप से पचाए जाने व उनसे होने वाले घातक प्रभावों पर प्रकाश डाला जबकि व्याख्याता उमेश दत्त ने अजमेर क्षेत्र में पक्षियों से संबंधित जैव विविधता की दृष्टि से आनासागर झील को एक समृद्ध झील बताया और इसे ईको ट्यूरिज्म की दृष्टि से विकसित किए जाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
संगोष्ठी में प्राणीशास्त्र के शोधार्थी दीपिका सिंह, सुश्री रश्मि शर्मा एवं सेवाराम देवासी ने भी अपने विभिन्न पत्रा प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में आयोजित चित्रा प्रदर्शनी में राजकीय महाविद्यालय ब्यावर के व्याख्याता विकास सक्सेना तथा अजमेर के डाॅ. विवेक शर्मा ने भी अपने चित्रों को प्रदर्शित किया।
